
फोटो-14-मदऊखेड़ा गांव में किशोर की मौत की घटना में आरोपियों की गिरफ्तारी के लेकर अधिकारियों से
उन्नाव। मदऊखेड़ा गांव में किशोर की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। घटना के तीसरे दिन शुक्लागंज घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया। हंगामे की आशंका को देखते हुए गांव में पुलिस बल तैनात है। मालूम हो कि घटना में मृतक के परिजनों ने एक पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए थे, पुलिस ने तीन लोगों पर किशोर को आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की है।
सदर कोतवाली के मदऊखेड़ा निवासी संजू यादव का बेटा रितिक (14) 17 अक्तूबर को गांव के पास मंदिर में चल रही भागवत कथा के समापन पर प्रसाद लेकर रात करीब नौ बजे घर लौट रहा था। चाचा श्रवण का आरोप है कि पड़ोसी गांव हिंदूखेड़ा निवासी विश्वंभर के घर के सामने से गुजरने पर उनके पालतू कुत्ते ने भौंका तो रितिक ने कुत्ते को गाली दी। विश्वंभर ने खुद को गाली देने का आरोप लगा 18 अक्तूबर को बेटे अभिषेक और अमन के साथ मिलकर रितिक को पीटा,पैर छुआए और नाक रगड़वाई थी। इसी अपमान से आहत होकर रितिक ने जहर खा लिया। 20 अक्तूबर को हैलट ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई थी।
21 अक्तूबर को पोस्टमार्टम में मारपीट की पुष्टि नहीं हुई थी। परिजनों ने मामले को दबाने की कोशिश का आरोप लगाते हुए हंगामा भी किया था। सीओ सिटी दीपक यादव के निर्देश पर विश्वंभर, अभिषेक और अमन पर आत्महत्या के लिए उकसाने की रिपोर्ट की गईथी। बुधवार शाम को रितिक के पिता संजू चेन्नई से गांव आए। कोतवाल संजीव कुशवाहा ने बताया कि शुक्लागंज स्थित गंगातट पर परिजनों ने बृहस्पतिवार को शव का अंतिम संस्कार कर दिया है। चाचा श्रवण का आरोप है कि पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की। उल्टे उन्हीं के घर के पास पहरा लगाया है।
फोटो नंबर-14- आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अधिकारियों से वार्ता करते सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह यादव व अन्य। स्रोत : कार्यकर्ता
परिजनों से मिले सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष
सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह यादव बृहस्पतिवार को मदऊखेड़ा गांव पहुंचे और दिवंगत रितिक यादव के परिजनों से मुलाकात की। रितिक के चाचा श्रवण ने हल्की धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का आरोप लगाया। इस पर उन्होंने सीओ सिटी से बात कर धाराएं बढ़ाने की मांग की। नगर मजिस्ट्रेट से भी बात की और आर्थिक मदद दिलाने का लिखित आश्वासन परिवार को दिलवाया। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में पीडीए पर अत्याचार हो रहे हैं। मदऊखेड़ा गांव में हुई घटना में किसी भी नामजद आरोपी की गिरफ्तारी न होना इसका उदाहरण है। सवाल उठाते हुए कहा कि बाबा के बुलडोजर का क्या मानक है, अभी तक आरोपियों के घर बुलडोजर क्यों नहीं पहुंचा।