
फोटो-24-दही चौकी क्षेत्र स्थित एक स्लाटर हाउस में जांच करते अधिकारी। स्रोत: सोशल मीडिया।
उन्नाव। स्लाटर हाउसों में कटने वाले जानवरों की चर्बी को घी बनाने के उपयोग में बेचने की सूचना पर जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने छापा मारा। अलग-अलग स्लाटरों में जांच की गई। स्लाटर हाउस के रिकॉर्ड खंगाले गए। देर शाम तक जांच जारी रही। अधिकारी जांच को लेकर पूरी तरह से चुप्पी साधे रहे और डीएम को रिपोर्ट देने की बात कहते रहे।
डीएम द्वारा गठित जांच टीम में शामिल नायब तहसीलदार यशवंत सिंह और मुख्य खाद्य निरीक्षक शैलेश दीक्षित ने टीम में शामिल दो अन्य अधिकारियों के साथ दही चौकी के चांदपुर में संचालित दो स्लाटर हाउसों में जाकर जांच की। इस दौरान पिछले एक माह में आए व कटने वाले जानवरों के दर्ज किए गए रजिस्टरों को जांचा। कटने वाले जानवरों की चर्बी की जानकारी ली। चर्बी का भी रिकॉर्ड देखा। स्लाटरों से चर्बी कहां गई, इसके बारे में जिम्मेदारों से जानकारी ली। देर शाम सात बजे तक जांच जारी रही। जांच टीम में शामिल सूत्रों की मानें तो गोपनीय जानकारी हुई थी कि स्लाटरों में कटने वाले जानवरों की चर्बी से जाजमऊ और बंथर के आसपास संचालित ग्लू फैक्ट्रियों में चर्बी निकालने का काम किया जाता है। बाद में इसे घी में मिलावट कर बेचा जाता है। हालांकि आधिकारिक रूप से किसी ने भी जांच को लेकर कोई जानकारी नहीं दी।