Oxyton injections in UP: लखनऊ में रविवार को लाखों रुपये कीमत का मिलावटी ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन व कच्चा माल बरामद किया। इनका इस्तेमाल पशुओं पर किया जाता था।

ऑक्सीटोसिन के इंजेक्शन
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व एसटीएफ की संयुक्त टीम ने रविवार को गोमतीनगर के उजरियाव गांव में स्थित विजय खंड-1 स्थित घर पर छापा मारकर लाखों रुपये कीमत का मिलावटी ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन व कच्चा माल बरामद किया। आरोपी घर में किराये पर कमरा लेकर ये धंधा कर रहे थे। टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। टीम ने दो संदिग्ध औषधियों का नमूना एकत्र करके जांच के लिए भेजा है।
सहायक मंडल आयुक्त ड्रग ब्रजेश व एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह के नेतृत्व में टीम ने विजय खंड-1 में एक घर पर छापा मारा। टीम ने मौके से 1018 शीशी ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन, 27 लीटर सिरका, 70 लीटर फिनायल, 16500 खाली शीशी, नमक, सिलर, गैलन बरामद किया। जब्त की गई ऑक्सीटोसिन की बाजार कीमत 48.56 लाख रुपये बताई गई है। टीम ने मौके से त्रिवेणीनगर तृतीय के शिवलोक कॉलानी निवासी कयूम अली व डालीगंज के कदम रसूल निवासी मोहम्मद इब्राहिम को गिरफ्तार किया।
चीनी पाउडर से तैयार करते थे इंजेक्शन
सहायक मंडल आयुक्त ब्रजेश ने बताया आरोपी गाजियाबाद के लोनी से चीन में निर्मित ऑक्सीटोसिन पाउडर मंगवाते थे। इसमें मिलावट कर इंजेक्शन की खेप तैयार की जाती थी। उन्होंने बताया कि बताया कच्चा माल वाला पाउडर 25 हजार रुपये का 10 ग्राम मिलता है। 10 ग्राम पाउडर से एक लाख से अधिक इंजेक्शन तैयार किए जाते थे।
जानवरों के लिए तैयार करते थे इंजेक्शन
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि वह गाजियाबाद के लोनी से धर्मवारी से कच्चा माल मंगवाते थे। यहां पर इंजेक्शन तैयार करके उसे बेचा जाता था। यह इंजेक्शन जानवरों के लिए बनाया जाता है। डेयरी संचालकों में इसकी बहुत मांग है है। एक इंजेक्शन 100 रुपये में डेयरी संचालकों को बेचा जाता है।
20 रुपये में खरीदकर 80 रुपये में बेचते थे
आरोपी थोक में 20 रुपये में 100 मिलीलीटर की दर से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन खरीदते हैं। इसके बाद इसमें मिलावट कर 80 रुपये में बेचते हैं। गिरोह के लोग फुटकर में किसानों और डेयरी संचालकों को यही इंजेक्शन 200 रुपये में सप्लाई करते हैं। सीतापुर, बाराबंकी, हरदोई, बलरामपुर, बहराइच, उन्नाव समेत आसपास के कई जिलों में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है। सब्जी और फलों का आकार बढ़ाने के लिए इसका ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।
आसपास के जनपदों में फैला रखा है नेटवर्क
ड्रग इंस्पेक्टर संदेश ने बताया पकड़े गए आरोपियों ने अपना नेटवर्क आसपास के जिलों में फैला रखा था। बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, कानपुर, हरदोई समेत अन्य जिलों में इस इंजेक्शन की आपूर्ति हो रही थी। आरोपियों ने बताया कि वह सरकारी बस या निजी वाहन से इंजेक्शन ले जाकर आपूर्ति करते थे।
टीम में ये रहे शामिल
एसटीएफ के उप निरीक्षक हरीश चौहान, ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्य, उन्नाव के ड्रग इंस्पेक्टर अशोक कुमार, रायबरेली के ड्रग इंस्पेक्टर शिवेंद्र प्रताप सिंह शामिल रहे।
यहां होता है ऑक्सीटोसिन का प्रयोग
ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बच्चों के जन्म के समय गर्भाशय संकुचन बढ़ाने के लिए दिया जाता है। इससे प्रसव शुरू करने में मदद मिलती है। यह दूध निकालने के प्रक्रिया में प्रारंभिक हार्मोन के रूप में काम करता है। इसी वजह से पशुओं को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन देने से दूध उत्पादन बढ़ता है, लेकिन इस इंजेक्शन के देने के बाद निकाला गया दूध हानिकारक होता है। इसी वजह से जानवरों पर इसका प्रयोग प्रतिबंधित है।
सेहत पर खराब असर डालता है ऑक्सीटोसिन
सब्जी व दूध के लिए प्रयोग किया गया ऑक्सीटोसिन आम आदमी की सेहत के लिए खतरनाक होता है। इससे लोगों के हार्मोन पर प्रभाव पड़ता है। साथ ही पेट से जुड़ी दिक्कतें भी बढ़ती हैं। इसके सेवन से लोगों में चिड़चिड़ापन और तनाव भी होता है। यह एलर्जी की समस्या का सबसे बड़ा कारण है। दूध में ऑक्सीटोसिन की मिलावट की वजह से शरीर के किसी भी हिस्से में खुजली, सूजन या फिर सांस लेने में समस्या आ सकती है। इससे बांझपन की समस्या भी हो सकती है।
पहले भी हुई कार्रवाई
14 अगस्त 2024 : 1.38 करोड़ रुपये कीमत की ऑक्सीटोसिन के साथ शहीद पथ के पास हरदोई निवासी दिनेश पाल और पारा के बुद्धेश्वर निवासी अमनोल पाल को पकड़ा गया।
16 नवंबर 2024 : चारबाग जीआरपी की टीम ने लखनऊ जंक्शन के पार्सल घर से 1087 लीटर ऑक्सीटोसिन के 38 पैकेट बरामद किए थे। इसकी कीमत 1.93 करोड़ रुपये बताई गई थी।
22 दिसंबर 2024 : बिहार से अवैध ऑक्सीटोसिन लाकर खपाने वाले तीन तस्करों ठाकुरगंज निवासी मो. इलियास, पारा निवासी श्यामू गुप्ता और हरदोई निवासी सुलखान सिंह को जीआरपी ने गिरफ्तार किया था।
30 जनवरी 2025 : मदेयगंज में 70 लाख रुपये कीमत की ऑक्सीटोसिन बरामद की गई थी। यूपी एसटीएफ, पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त टीम ने बड़ौत छपरौली निवासी जुबैर को गिरफ्तार किया था।
29 अगस्त 2025 : मदेयगंज से ठाकुरगंज निवासी इरफान, रहीमाबाद निवासी दिलदार, लखीमपुर खीरी ईसानगर निवासी शहनवाज और रायबरेली दर्जिन टोला तिलिया कोर निवासी मो. साहेबे को गिरफ्तार कर दो करोड़ की ऑक्सीटोसिन बरामद की गई।