Kanpur News: डॉ. शाहीन की तरह ही सात डॉक्टर मेडिकल कॉलेज से लापता हो गए थे। बाद में इन्हें बर्खास्त किया गया था। अब सुरक्षा एजेंसियों ने इनकी जांच भी तेज कर दी है। इनमें सर्जरी विभाग के तीन डाॅक्टर शामिल हैं। हालांकि इनमें से कई आसपास के जिलों में काम भी कर रहे हैं।

डॉ. शाहीन – फोटो : अमर उजाला
सुरक्षा एजेंसियां डॉ. शाहीन के सात बैंक खातों के बारे में पता चला है। इनमें कानपुर के तीन, लखनऊ के दो और दिल्ली के दो बैंक खाते हैं। इन खातों के लेनदेन के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। खातों में लेनदेन करने वालों का पता चलने पर बड़ी सफलता हासिल हो सकती है। इसके साथ ही शाहीन जनवरी से लेकर अक्तूबर 2025 तक कितनी बार जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज आईं और किससे-किससे मिलीं। कहां रुकीं आदि की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
वहीं, जांच एजेंसियों ने संगठन से जुड़े लोगों को आर्थिक मदद करने वालों की तलाश भी शुरू कर दी है। जांच एजेंसी का मानना है कि डॉ. शाहीन लंबे समय तक कानपुर और आसपास रही है। उसके बाद वह आतंकी संगठन से जुड़ गई है, लिहाजा उसके संपर्क में वह लोग भी हो सकते हैं जो संगठन के लिए आर्थिक मदद करते रहे हों। वहीं, कानपुर से पहले डॉ. शाहीन प्रयागराज से मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। ऐसे में प्रयागराज से डॉ. शाहीन के सहपाठियों का ब्योरा भी एकत्र किया जा रहा है।
डाॅ. शाहीन छुट्टी कम लेती और बच्चा लेकर आती थी अस्पताल
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में डॉ. शाहीन फार्माकोलॉजी विभाग की एचओडी थी। इसके तहत दवाओं और शरीर के बीच की परस्पर क्रिया का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है। वह सामान्य महिला फैकल्टी की तरह काम करती थी। छुट्टियां कम लेती थी और बच्चा लेकर अस्पताल आती थी। उसने मेडिकल कॉलेज परिसर में ही एल ब्लॉक में घर लिया था। सहयोगी पूछते तो कहती कि घर में कोई नहीं है, ऐसे में बच्चे को अकेले कैसे छोड़ते। उसकी महिला साथियों से अच्छी बनती थी। तलाक की बात भी सभी को नहीं पता थी।
2021 में की गई थी बर्खास्तगी
दिसंबर 2013 में डॉ. शाहीन अपनी सहयोगी डॉक्टर को एचओडी का कार्यभार सौंपकर गई थी। कहा था कि चार जनवरी 2014 को लौट आएगी। चार जनवरी को न आने पर साथियों ने फोन करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई। इस तरह साल निकल गया। आधिकारिक तौर पर पत्राचार किया जाता रहा लेकिन जवाब नहीं मिला। प्राचार्य ने सन 2016 में दो कर्मचारियों को पंजीकृत पते पर पत्र लेकर भेजा। वहां कर्मचारियों के पहुंचने पर पता चला कि पता गलत है। इसके बाद 2021 में उसकी बर्खास्तगी की गई। अब दिल्ली बम धमाके के मामले में नाम आने के बाद चर्चा में आ गई।
पति डाॅ. जफर हयात से लिया था खुला
डॉ. शाहीन ने अपने पति से खुला लिया था। यह खुला लखनऊ के नदवा में लिया गया था। इसके लिए उनके पति डॉ. जफर हयात को भी कई बार जाना पड़ा था। डॉ. जफर ने बताया कि खुला मुस्लिम महिलाओं को पति से अलग होने के लिए मिला अधिकार है। उसने खुला लिया तो वह अपने घर वालों के साथ वहां गई थी। मुझे जब बुलाया गया तो मैं वहां गया था।
शाहीन की तरह सात डाॅक्टर हुए थे लापता, अब शुरू हुई जांच
डॉ. शाहीन की तरह ही सात डॉक्टर मेडिकल कॉलेज से लापता हो गए थे। बाद में इन्हें बर्खास्त किया गया था। अब सुरक्षा एजेंसियों ने इनकी जांच भी तेज कर दी है। इनमें सर्जरी विभाग के तीन डाॅक्टर शामिल हैं। हालांकि इनमें से कई आसपास के जिलों में काम भी कर रहे हैं। फार्माकोलाॅजी विभाग की एचओडी डाॅ. शाहीन 2013 में लापता हो गई थी। नोटिस देने के बाद भी पता न चलने पर बर्खास्त कर दिया गया था।
जांच एजेंसियां खंगाल रही हैं रिकॉर्ड
इसी के बाद फिजियोलाॅजी, एनाटामी, मेडिसिन और सर्जरी विभाग से एक के बाद एक सात डाॅक्टर लापता हो गए थे। नोटिस जारी करने के बाद इन्हें बर्खास्त किया गया था। अब इनकी वर्तमान लोकेशन से लेकर मेडिकल काॅलेज में व्यवहार, बर्खास्तगी से पहले दिए गए नोटिस व जवाब नहीं देने से लेकर की गई कार्रवाई तक के बिंदुओं पर पड़ताल हो रही है। जांच एजेंसियां इनसे जुड़े रिकॉर्ड खंगाल रही हैं। इनसे संबंध रखने वालों के बारे में पता किया जा रहा है।
यह है बर्खास्त डाॅक्टरों की सूची
- डाॅ. हिफजुल रहमान (फिजियोलाॅजी)।
- डाॅ. हामिद अंसारी (एनाटामी)।
- डाॅ. विभुद प्रताप सिंह (मेडिसिन)।
- डाॅ. समता गुप्ता (एनाटमी)।
- डाॅ. निसार अहमद अंसारी (सर्जरी)।
- डाॅ. परवेज अहमद (सर्जरी)।
- डाॅ. श्रवण प्रताप सिंह यादव (सर्जरी)।
स्वास्थ्य शिविर लगवाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन शुरू
डॉ. शाहीन के नेटवर्क का पता लगाने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर लगाने वाले एनजीओ का भी सत्यापन किया जा रहा है। साथ ही इन एनजीओ को हो रही फंडिंग पर भी नजर रखी जा रही है। एजेंसियां इन एनजीओ के खातों में आए पैसे के लेनदेन पर नजर गड़ाए हैं। साथ ही गर्म कपड़े और मेवा बेचने के लिए शहर आने वाले कश्मीरियों का भी सत्यापन किया जा रहा है। इनमें से 31 लोग ऐसे हैं जो संवेदनशील इलाकों में ही कमरा किराये पर लेकर रहते हैं। इन लोगों की गतिविधियों पर भी नजर है।
नेटवर्क बढ़ाने की जुगाड़ में था डॉ. परवेज
डॉ. शाहीन का शहर में सिर्फ मेडिकल कॉलेज तक ही कनेक्शन नहीं है। उसके भाई डॉ. परवेज की कानपुर में ससुराल भी है। उसके साले चमनगंज और बेकनगंज इलाके में व्यापार करते हैं। इन संवेदनशील इलाकों में कुछ बड़े आयोजनों में डॉ.परवेज के शामिल होने की बात सामने आने के बाद एजेंसियां सतर्क हैं। माना जा रहा है कि वह यहां नेटवर्क बढ़ाने की फिराक में था। इसके पहले ही वह जांच एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया। ऐसे में अब जांच एजेंसियां इस बात का पता लगाने में जुट गईं हैं, कि डॉ. परवेज कब-कब शहर आया और किन-किन लोगों के संपर्क में रहा।