
फोटो-22-कुछ ऐसी है लखनऊ-आगरा एक्स्प्रेसवे की सड़क की हालत। संवाद
उन्नाव। आए दिन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हो रहे हादसों पर अंकुश लगाने और सफर और सुगम बनाने के लिए सड़क का नवीनीकरण किया जाएगा। 30 एमएम सड़क की परत उखाड़कर डामर और गिट्टी की 40 एमएम परत बिछाई जाएगी। इसके अलावा एडवांस साइनज, रिफ्लेक्टिव मार्किंग के अलावा कैट आई लगाई जाएगी। इससे रात और कोहरे में भी वाहन चालकों को पूरी सड़क और लेन दूर से साफ नजर आएंगी। उन्नाव की सीमा में स्थित 83 किमी. एक्सप्रेसवे पर करीब 200 करोड़ खर्च होंगे।
शासन ने 302 किलोमीटर लंबे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे के नवीनीकरण के लिए 1500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यूपीडा की तकनीकी टीमों में रोड स्कैनर और जियो-टेक्निकल टीमों ने लगातार खतरों का डेटा जुटाया है। एक्सप्रेसवे की पूरी सड़क की 30 एमएम की परत को उखाड़ा जाएगा और 40 एमएम मोटी डामर-गिट्टी की नई परत बिछाई जाएगी। यातायात सुरक्षा के लिए हर एक किलोमीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की जिले में लंबाई करीब 83 किलोमीटर है। 2016 में बनकर तैयार हुए इस एक्सप्रेसवे की जगह-जगह सड़क टूटी और यातायात सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त है। इस साल एक्सप्रेसवे पर हुए हादसों में 153 लोगों की जान चली गई। इसकी वजह अवैध कट और अवरोध रहे।एग्रामीणों ने आसपास के गांवों और खेतों में आवागमन के लिए कंटीले तारों की बाड़ को काट कर शार्टकट बना लिए हैं, इससे इंसानों की आवाजाही के साथ मवेशी भी पहुंच जाते हैं। 100 किमी. की रफ्तार से दौड़ रहे वाहन सड़क पार कर रहे लोगों या जानवरों से बचने या उन्हें बचाने की कोशिश में हादसों के शिकार हो जाते हैं।
टोल से रोज दो करोड़ कमाई फिर भी वर्षों से अनदेखी
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से आने-जाने वाले वाहनों से टोल एजेंसी प्रतिदिन औसतन दो करोड़ रुपये टोल वसूलती है। इनमें लखनऊ और आगरा की तरफ के दो मुख्य टोल प्लाजा और उन्नाव सहित अन्य जिलों और तहसीलों में पड़ने वाले 15 टोल प्लाजा शामिल हैं। इसके बाद भी लंबे समय से यातायात सुरक्षा में लगातार कई साल से बरती जा रही लापरवाही को लेकर सवाल उठते रहे हैं। हालत है कि न तो समय पर एंबुलेंस पहुंचती है और ना ही खराब वाहनों को सड़क से हटाने के लिए क्रेन।
अवैध पार्किंग के लिए बदनाम हवाई पट्टी
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर बांगरमऊ तहसील के कबीरुर खंभौली गांव के पास 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी है। यहां पर 24 घंटे भारी और हल्के वाहन खड़े रहते हैं। आसपास के गांव के लोगों ने एक्सप्रेसवे के पास ही चाय, पान आदि की दुकानें खोल रखी हैं। इसे वाहन चालक यहां सड़क घेरकर वाहन खड़े कर देते हैं जो अक्सर हादसों की वजह बनते हैं। यूपीडा के अधिकारियों ने बताया कि यहां पर सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही एक अतिरिक्त गश्ती दल की तैनाती की जाएगी।
साइड पटरी, क्रैश बैरियर की होगी मरम्मत
यूपीडा के सहायक अभियंता आरपी सिंह ने बताया कि पूरे एक्सप्रेसवे पर 40 एमएम मोटी नई सड़क बनाई जाएगी। सड़क के दोनों तरफ क्रैश बैरियर दर्जनों स्थानों पर टूटे हैं, इन्हें भी बदला जाएगा। साइड पटरी की मरम्मत के साथ ही मौजूद सभी पुलों में आई छोटी-छोटी कमियों को दुरुस्त किया जाएगा। बारिश के दौरान कई स्थानों पर पानी भरता है। इसके लिए ड्रेनेज लाइनें भी बनाई जाएंगी।
उच्च गुणवत्ता के संकेतक लगेंगे
यूपीडा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी प्रभात अवस्थी का कहना है कि इस बार एक्सप्रेसवे पर एडवांस साइनज, रिफ्लेक्टिव मार्किंग और कैट आई लगाए जाएंगे। इससे रात के समय और कोहरा होने पर भी वाहन चालकों को पूरी सड़क और उनकी लेन दूर से साफ नजर आएंगी। हाई रिजॉल्यूशन कैमरे और स्पीड डिटेक्शन कैमरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है।