उन्नाव में नवरात्र के चौथे दिन मां दुर्गा स्वरूप मां कुष्मांडा देवी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह से ही दुर्गा मंदिरों में खासी भीड़ देखने को मिली। वहीं घरों में भक्तों ने विधि विधान से माता की पूजा अर्चना की।
भव्य तरीके से तजाया गया दरबार
आज मां कुष्मांडा देवी के स्वरूप के दर्शन के लिए मां के दरबार को भव्य तरीके से सजाया गया। आचार्य विनोद पांडे ने बताया कि मां कुष्मांडा की विधि विधान से पूजा अर्चना करने से ऐच्छिक मनोकामनाएं पूरी होती है। उपवास रखकर व दुर्गा शप्तशती पाठ करके भक्तों ने मां को प्रसन्न किया।
चौथे दिन का अत्यधिक महत्व
मां दुर्गाजी की शक्ति का नाम कुष्मांडा है। नवरात्रि उपासना में चौथे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है। इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन किया जाता है। इस दिन साधक का मन मणिपूर चक्र में प्रविष्ट होता है। लोकवेद के अनुसार मां कुष्मांडा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं।
दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है, तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियों सुनाई देती हैं। ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं। वहीं पोनी रोड स्थित सोमा गौरी, झंडेश्वरी देवी, महेश मार्ग स्थित मां सिद्धिदात्री, गांधीनगर स्थित काली मंदिरों, कंचन नगर में कंचना मंदिर, चंपापुरवा में मंशा देवी व दुर्गा मंदिर समेत अन्य दुर्गा मंदिरों में पूजा अर्चना की गई।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही
राजधानी मार्ग स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। वहीं अन्य दुर्गा मंदिरों में सुबह से लेकर देर रात तक पूजा पाठ चलता मंदिरों में प्रसाद वितरण किया जाएगा। और सुबह से ही मां के दरबार को अद्भुत रूप से सजाया गया।
मां की महिमा अपरंपार
मां की महिमा के किस्से भी उतने ही पुराने हैं। जितना पुराना मां के मंदिर का इतिहास। मंदिर की विश्वसनीयता से बढ़ी श्रद्धा के बाद उन्होंने न जाने कितने भक्तों के कष्टों को मां सामने रखा, जिसे मां ने दूर कर भक्तों के विश्वास को डिगने नहीं दिया।