मोबाइल फोन बैरक के पास जमीन में डेढ़ फीट भीतर गाड़े गए थे। मामले में चार बंदियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अलग-अलग मामलों में निरुद्ध सुल्तानपुर व अयोध्या के बंदी मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे थे।
अयोध्या जिला कारागार के हाई सिक्योरिटी बैरक के पास जमीन के भीतर तीन मोबाइल फोन गाड़े हुए मिले हैं। इसके बाद आनन-फानन बैरक की सुरक्षा में तैनात तीन बंदी रक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच बैठाने के साथ ही फोन का उपयोग करने वाले चार बंदियों के खिलाफ कारागार अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है।जिला कारागार के जेलर जितेंद्र कुमार ने दर्ज एफआईआर में बताया कि कारागार के हाई सिक्योरिटी बैरक में निरुद्ध बंदियों के सामानों की जांच की जा रही थी। इस दौरान बैरक के बाहर लगे बिजली के खंभे के सपोर्ट तार के पास मिट्टी उभरी दिखी तो उस स्थान पर खोदाई कराई गई। मौके से तीन कीपैड मोबाइल फोन और सिमकार्ड मिले, जिन्हें कब्जे में लिया गया।
जांच में पता चला कि वह मोबाइल फोन हाई सिक्योरिटी बैरक में निरुद्ध सुल्तानपुर के कूरेभार थाना क्षेत्र के लोहरी धनपतगंज निवासी अंकित अग्रहरी, इनायतनगर थाना क्षेत्र के बारुन बाजार देवरिया निवासी सचिन जायसवाल, जिले के नगर कोतवाली क्षेत्र के साहबगंज खुर्दाबाद निवासी श्याम यादव व गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाना क्षेत्र के साकीपुर निवासी अनूप भार्टी उपयोग करते थे। प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर अश्विनी पांडेय ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की जांच की जा रही है।
अयोध्या जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा का कहना है कि प्रथम दृष्टया निगरानी में लापरवाही मिलने पर बंदी रक्षक अजय शर्मा, पप्पू यादव और सुरेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। दोषी मिलने वाले हर कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।