राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों ने नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। इस दौरान सांसदों ने नारेबाजी की और सदन के वेल तक चले गए। इस पर पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने नाराजगी जाहिर की।
नीट के मुद्दे पर संसद से लेकर सड़क तक हंगामा जारी है। राज्यसभा में भी आज नीट पेपर लीक को लेकर विपक्षी सांसदों ने सरकार को घेरने की कोशिश की। इस दौरान सदन में काफी हो-हल्ला हुआ। जिस पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने विपक्ष से अपील की कि वे सदन को सुचारू रूप से चलने दें और सरकार तब तक जिम्मेदारी तय नहीं कर सकती, जब तक इस मामले में जांच पूरी नहीं हो जाती।
‘सरकार अभी किसी की जिम्मेदारी तय नहीं कर सकती’
राज्यसभा में विपक्ष के सांसदों ने नीट मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए हंगामा किया। इस दौरान सांसदों ने नारेबाजी की और सदन के वेल तक चले गए। इस पर पूर्व पीएम देवेगौड़ा ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि ‘नीट में अनियमितता से लाखों छात्र प्रभावित हुए हैं। मैं इस मामले में किसी का पक्ष नहीं लेना चाहता। सरकार ने सही फैसला (सीबीआई को जांच सौंपकर) किया है।’ उन्होंने कहा कि ‘अभी जांच चल रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक सरकार इस मामले में किसी की जिम्मेदारी तय नहीं कर सकती है। इसलिए विपक्षी सांसदों को सदन को चलने देना चाहिए।’ हालांकि देवेगौड़ा की अपील के बावजूद विपक्षी सांसद नहीं माने तो इस पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष देवेगौड़ा जैसे वयोवृद्ध नेता की बात भी नहीं सुन रहा है।
‘राज्यसभा में क्या हुआ
नीट में हुई अनियमितताओं के मुद्दे पर नियम 267 के तहत सभापति जगदीप धनखड़ को कुल 22 नोटिस मिले थे जिनमें नियत कामकाज स्थगित कर इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की गई थी। अपनी मांग को लेकर विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र की बैठक को संबोधित करते हुए गुरुवार को कहा कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि सरकार परीक्षाओं से जुड़ी संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके में व्यापक सुधार की दिशा में काम कर रही है। धनखड़ ने कहा कि चूंकि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आज ही आरंभ होनी है, लिहाजा सदस्य इस मौके का लाभ उठाकर नीट से जुड़ी चिंताओं पर अपनी बात रख सकते हैं। यह कहते सभापति ने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए, जिसके बाद विपक्षी सदस्यों का हंगामा और शोरगुल और भी तेज हो गया।