उन्नाव। राजधानी लखनऊ और महानगर कानपुर सहित पांच जिलों और हाईवे, एक्सप्रेसवे सहित अन्य जिला मार्गों से घिरे उन्नाव में रोज कोई न कोई हादसा होता है। बुधवार सुबह एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा हुआ। 18 लोगों की मौत और 23 लोग घायल हुए।
इनमें से आठ को लखनऊ ट्रामा सेंटर और एक को कानपुर हैलट रेफर करना पड़ा। हैरानी का बात है कि नौ साल से ट्रामा सेंटर बना है लेकिन संचालन नहीं हो रहा है। गंभीर घायलों व बीमारों को रेफर करने की मजबूरी है। उत्तर प्रदेश के वर्तमान उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने उन्नाव का सांसद रहते वर्ष 2007 में ट्रामा सेंटर की स्थापना के प्रयास शुरू किए थे। काफी कोशिशों के बाद 2016 में 117.49 करोड़ की लागत ट्रामा सेंटर बनकर तैयार हो पाया लेकिन अब तक डॉक्टरों की तैनाती न होने से इलाज की सुविधा नहीं मिल पाई। बुधवार को हुए हादसे के बाद एक बार फिर ट्रामा सेंटर की कमी खली।
ट्रामा सेंटर में ये सुविधाएं जरूरी
पर्याप्त दवाएं, सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, आर्थोपेडिक्स, रेडियोलॉजिस्ट, एनस्थीसिया, विशेषज्ञ डॉक्टर, वर्किंग ऑपरेशन थिएटर, क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट, ट्रांसपोर्टेबल वेंटिलेटर, सीटी स्कैन, ब्लड स्टोरेज यूनिट, पोर्टेबल डिजिटल एक्सरे मशीन, सेंट्रल ऑक्सीजन लाइन, पैथोलॉजी, ईको कार्डियोग्राफी, ईसीजी और स्पाइन बोर्ड जैसी सुविधाएं होना जरूरी हैं।
वेंटिलेटर 22 में से छह ही चालू
ट्रामा सेंटर में तीन साल पहले 22 वेंटिलेटर लगाए गए थे। उन्हें आईसीयू में रखवाया गया था, ताकि गंभीर मरीजों का इलाज किया जा सके लेकिन डॉक्टरों और प्रशिक्षित स्टॉफ न होने से इनका संचालन नहीं हो पा रहा है। केवल छह ही ऐसे हैं जिनका कभी-कभी जिला अस्पताल के ही स्टॉफ के सहयोग से चलाया जाता है।
स्टाफ – स्वीकृत पद – तैनात
सर्जन-2-0
निश्चेतक-2-1
अस्थि विशेषज्ञ-2-0
ईएमओ-3-0
—
फोटो नंबर-24- ब्रजेश पाठक
उन्नाव के ट्रामा सेंटर में ज्यादातर उपकरण उपलब्ध हैं। डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी के कारण संचालन नहीं हो पा रहा है। वह इसके लिए सीएमओ को स्वीकृत पत्र जारी कर रहे हैं कि वह अपने स्तर से वहां संविदा पर जरूरी स्टाफ की तैनाती करें। जो भी उपकरण और जरूरी होंगे उनकी भी व्यवस्था कराई जाएगी। प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं।
– ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश
जिले में ट्रामा सेंटर का संचालन बहुत जरूरी है। इसके लिए शासन और स्वास्थ्य निदेशक को पत्र लिख रहे हैं। साथ ही हादसों को रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं इसके लिए सुधारात्मक सुझाव की भी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेंगे।
गौरांग राठी, डीएम उन्नाव
—
वर्ष-हादसे-मृतक-घायल
2020-671-408-444
2021-844-515-568
2022-875-510-557
2023-868-478-721
2024-444-278-374
नोट- 2024 के आंकड़े 30 जून तक के हैं।