अमेठी हत्याकांड को अंजाम देने वाले चंदन वर्मा ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं। अब सामने आया है कि अमेठी हत्याकांड की वजह प्रेम प्रसंग नहीं थी, इसकी वजह कुछ और थी।
दरअसल, पुलिस मुठभेड़ के बाद शनिवार सुबह पुलिस चंदन वर्मा को जिला अस्पताल से सीएचसी ला रही थी। इसी दौरान उससे सवाल किया गया कि घटना में प्रयुक्त पिस्टल कहां से लाया था? उसने जवाब दिया कि पता नहीं। उसने पूनम से रिश्ते की बात भी नकार दी। हालांकि बच्चों की हत्या पर बोला… मुझसे गलती हो गई। सूत्रों के अनुसार, उसने पिस्टल अंबेडकरनगर से खरीदी थी।
आपको बता दें कि शिवतरनगंज क्षेत्र के अहोरवा भवानी कस्बे में बृहस्पतिवार रात रायबरेली कोतवाली के तेलिया कोट निवासी चंदन वर्मा ने रायबरेली के ही गदागंज क्षेत्र के तुलसीपुर निवासी शिक्षक सुनील कुमार, उनकी पत्नी पूनम भारती, बेटी सृष्टि व लाडो की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी।
पुलिस के पास घटना के अहम साक्ष्य : एएसपी
एएसपी हरेंद्र प्रताप ने बताया कि पुलिस के पास अहम साक्ष्य हैं। चंदन ने ही सभी हत्याएं की हैं। उसके फोन की सीडीआर निकाली गई तो लोकेशन घटना स्थल पर मिली। घटना के समय उसने जहां बाइक खड़ी की थी, वहां भी लोगों से पूछताछ की गई। वारदात में जब चंदन का नाम प्रकाश में आया तो पुलिस ने फौरी तौर पर चंदन के परिजनों से संपर्क किया। चंदन के भाई से पूछा तो उसने बताया कि चंदन कहीं गया है।
पुलिस ने उससे घटना का जिक्र किया तो उसने फौरन ही कह दिया कि चंदन घटना में शामिल हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने भी चंदन को घटना में शामिल मान कर कार्रवाई शुरू की। एएसपी ने बताया कि घटना के बाद आरोपी प्रयागराज गया। वहां से वह भागकर बस से दिल्ली जा रहा था। इसी दौरान एसटीएफ ने चंदन को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि जांच में अब तक यह जानकारी सामने नहीं आई है कि चंदन को भागने में किसी ने मदद की हो। चंदन अकेले ही भाग कर जा रहा था।
37 हजार में चंदन ने खरीदी थी पिस्टल
शिक्षक परिवार की हत्या के लिए चंदन ने देसी पिस्टल का इस्तेमाल किया था। दो मैगजीन भी प्रयोग की थी। चंदन ने 37 हजार रुपये में पिस्टल खरीदी थी। सूत्रों के अनुसार, चंदन ने आंबेडकर नगर से पिस्टल ली थी। पुलिस असलहा सौदागरों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
चंदन को रिमांड पर लेगी पुलिस
सीओ तिलोई डॉ. अजय सिंह ने बताया कि घटना से जुड़े साक्ष्य और मजबूत करने के लिए अभी चंदन से पूछताछ होना बाकी है। इसके लिए 14 दिन की रिमांड के लिए कोर्ट में अर्जी दी जाएगी। रिमांड के बाद घटना की कड़ियों को जोड़ा जाएगा। मामले की निगरानी पुलिस की मॉनीटरिंग सेल करेगी। आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाने का प्रयास है।
…तो पूनम के नाम खरीदी थी जमीन
पुलिस सूत्रों के अनुसार, चंदन एक्सरे टेक्नीशियन था। वह अच्छी कमाई भी करता था। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व वह पूनम के संपर्क में आया था। चंदन पूनम पर खूब पैसे खर्च करता था। चर्चा है कि चंदन ने करीब 10 लाख रुपये में रायबरेली के इंद्रानगर में पूनम के नाम दो बिसवा जमीन ली थी, जिसमें चंदन व उसका रिश्तेदार दीपक गवाह थे। चंदन ने पूनम व उसके परिवार से अपने रुपये मांगने शुरू किए तो दोनों के संबंधों में खटास आ गई। इसी के बाद पूनम ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी। यही रार आगे चलकर हत्या की वजह बन गई।
इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य पर ही मजबूत होगा केस: अधिवक्ता
शिक्षक परिवार हत्याकांड को लेकर अधिवक्ता संतोष मिश्र ने बताया कि पुलिस के सामने दिया गया आरोपी का बयान कोर्ट में मान्य नहीं होता है। अधिकतर मामलों में आरोपी कोर्ट में पुलिस को दिए गए बयान से मुकर जाता है। घटना से जुड़े मजबूत साक्ष्य ही आरोपी को सजा दिला पाएंगे। भारतीय न्याय संहिता में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का ही बड़ी भूमिका है। इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य ही केस को मजबूत करेंगे।
परिजनों को मिलेगी 50 लाख की आर्थिक सहायता
टीचर्स सेल्फ केयर टीम के जिला संयोजक अंशुमान तिवारी ने बताया कि मृतक सुनील कुमार ने पत्नी को नामिनी बनाया था, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी की भी हत्या हो गई है। ऐसे में अब उनके माता-पिता को करीब 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता संगठन की ओर फरवरी माह तक दी जाएगी।
एक साथ उठीं चार अर्थियां तो रो पड़ा पूरा गांव
रायबरेली के सुदामापुर गांव में पहले कभी भी इतना गमगीन नजारा नहीं देखा गया। गोला गंगा घाट पर जब शिक्षक और उसके परिवार का अंतिम संस्कार हुआ तो सबकी आंखों में आंसू थे। हर जुबां पर यही सवाल कि ऐसा कैसे हो गया, ये तो बहुत गलत हुआ। गोला गंगा घाट पर एक ही चिता पर दंपती के शवों का अंतिम संस्कार हुआ। शिक्षक के बड़े भाई सोनू ने चिता को मुखाग्नि दी। वहीं मासूम बहनों के शवों को नाव के जरिए गंगा की बीच धारा में ले जाकर छोड़ा गया। अंतिम संस्कार के दौरान लोगों का भारी जमावड़ा लगा रहा।
जिले के गदागंज थाना क्षेत्र के सुदामापुर गांव निवासी एवं शिक्षक सुनील कुमार, उसकी पत्नी पूनम भारती, दो बेटियों सृष्टि और समीक्षा की बृहस्पतिवार देर शाम अमेठी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमेठी में पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को चार शव गांव पहुंचे थे तो कोहराम मच गया था। शिक्षक सुनील कुमार के भाई सोनू के मुंबई में होने की वजह से शवों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया था। देर रात सोनू गांव पहुंचा।
शनिवार की सुबह करीब आठ बजे एक साथ एक ही परिवार की चार अर्थियां उठी तो कोहराम मच गया। गांव में सबकी आंखें आंसुओं से भरी थी। मृतक शिक्षक सुनील के पिता रामगोपाल, माता राजवती दहाड़े मारकर रो रही थी। जुबां से यही शब्द निकल रहे थे कि उनके बेटवा, बहू और पोतियों को कहां ले जा रहे हो। मत ले जाओ, यही कहते रो पड़ते।
ऊंचाहार तहसील क्षेत्र के गोला गंगाघाट पर शवों को पहुंचाया गया। जितेंद्र त्रिपाठी ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की। दंपती के शवों को ही एक चिता पर रखा गया। करीब 11 बजे मृतक शिक्षक के बड़े भाई ने सुनील, उसकी पत्नी पूनम के शवों में मुखाग्नि देते हुए चिता में आग लगाई। मासूम बहनों के शवों को नाव से गंगा की बीच धारा में ले जाकर छोड़ा गया।
गलियां चीर रही थी सन्नाटा, तैनात रही पुलिस
दो दिन से सुदामापुर गांव का माहौल जहां गमगीन हैं, वहीं शोरशराबा थम गया है। गलियां सन्नाटा चीर रही थीं और ऐसा लग रहा था कि मानों यहां पर कोई नहीं रहता। नजर कोई आ रहा था वह थी पुलिस। पुलिस इसलिए भी चौकन्ना रही कि घटना के बाद कहीं किसी तरह का कोई विरोध न होने पाए।