
उन्नाव। रबी सीजन में किसानों को सिंचाई के लिए नहरों के टेल तक पानी पहुंचाने की विभाग ने कवायद शुरू की है। सिंचाई विभाग को नहर सफाई के लिए शासन से 1.21 करोड़ स्वीकृत हुए हैं। विभाग ने काम शुरू कराने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जिले में कुल जमीन 4,54,676 हेक्टेयर है। इसमें खेतिहर भूमि 2,91,298 हेक्टेयर के आसपास है। इसमें से 62,433 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई नहरों पर निर्भर है। शेष भूमि की सिंचाई नलकूप, निजी ट्यूबवेल व पंपों से होती है। वर्तमान में रबी सीजन शुरू होने जा रहा है। ऐसे में किसानों को फसलों के लिए पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सिंचाई विभाग ने नहरों की सफाई की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग की ओर से किसानों को दिसंबर में पानी देने की कवायद शुरू की गई है।
सिंचाई विभाग के क्षेत्र में 118 माइनर हैं। इसके अतिरिक्त 12 रजबहे व छोटे नाले भी शामिल हैं। इनकी कुल लंबाई करीब सात सौ किमी है। सिंचाई विभाग को इन नहरों की सिल्ट सफाई के लिए 1.21 करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है। सिंचाई खंड के एक्सईएन दीपक यादव ने बताया कि टेंडर निकाल दिए गए हैं। पिछली बार की तरफ ही 15 नवंबर के आसपास सफाई शुरू करा दी जाएगी। बजट आते ही भुगतान कर दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, अभी कुछ नहरों, माइनरें पूरी तरह से सूखी भी नहीं हैं। इसलिए उनकी सफाई सूखने के बाद ही कराई जाएगी। इसलिए पानी दिसंबर माह में ही किसानों को पानी उपलब्ध हो पाएगा
ड्रोन से होगी सिल्ट सफाई की निगरानी
सिल्ट सफाई में खानापूर्ति न हो, इसके लिए सिंचाई विभाग ने ड्रोन से निगरानी कराने की कवायद शुरू की है। अधिशाषी अभियंता दीपक यादव ने बताया कि ड्रोन की मदद से पूरी सफाई की गहनता से निगरानी की जाएगी। जहां भी ठेकेदार ने कामचलाऊ काम किया तो भुगतान रोककर उसे ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा।