अचलगंज। अड़ेरुवा गांव में साइकिल रिपेयरिंग दुकानदार की गला घोंटकर हुई हत्या में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नशेबाजी में हुए विवाद के दौरान घटना की गई। तीन संदिग्धों को पूछताछ के लिए उठाया गया है। हालांकि परिजनों ने अभी कोई तहरीर नहीं दी है। उधर केरल से बेटे के आने के बाद अंतिम संस्कार हुआ।
अचलगंज थानाक्षेत्र के अड़ेरुवा गांव निवासी सुनील चौरसिया (50) का शव शनिवार सुबह गांव से 500 मीटर दूर झोपड़ी में मिला था। बेटी सुभांशी सुबह आठ बजे चाय लेकर पहुंची थी, तब घटना की जानकारी हुई थी। शराब का लती होने से पुलिस ने इसी वजह से हत्या की आशंका जताते हुए पोस्टमार्टम कराया। रिपोर्ट में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि के बाद पुलिस सकते में आ गई और जांच शुरू की।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुनील घर से दूर कोठरी में अकेले रहता था। कुछ दिन पहले एक व्यक्ति से विवाद होने की भी जानकारी हुई। संदेह के आधार पर पुलिस ने तीन लोगों को उठाकर पूछताछ की। उधर, पिता की हत्या की सूचना पर केरल में रहने वाला बेटा नवीन रविवार सुबह गांव पहुंचा। थानाध्यक्ष राजेश्वर त्रिपाठी भी फोर्स के साथ पहुंचे और घटनास्थल की दोबारा जांच की। ग्रामीणों से भी जानकारी ली। मृतक के बेटे ने अंतिम संस्कार के बाद तहरीर देने की बात कही।
दोपहर बाद शव को बलाई घाट ले जाया गया। वहां शव जलाया जाए या दफन किया जाए, इसे लेकर करीब दो घंटे तक परिजन आपस में मंथन करते रहे। बाद में परिवार के कुछ लोगों ने शव दफनाने की बात कही। इसके बाद अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान घाट पर पुलिस मौजूद रही। एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस तैनात की गई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक के बेटे नवीन से तहरीर देने के लिए कहा गया लेकिन उसने घर में पूरी बात समझकर सोमवार को थाने आने की बात कही है। घटना की जांच भी जारी है। कुछ लोगों से पूछताछ की जा रही है।
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पीड़ित परिवार के साथ हो चुकीं दो घटनाएं
– मृतक सुनील की पत्नी गुड्डी की जमीन के विवाद में 15 साल हत्या हुई थी। उसमें गांव के रज्जन, उनकी पत्नी प्रेमा और भाई विनोद पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। तीनों जेल गए थे। सजा पूरी होने के बाद वह बाहर हैं। इसमें विनोद की मौत हो चुकी है।
– साल 2022 में गांव के ही संजय, उसके भाई अजय ने सुनील के साथ मारपीट की थी। इसमें सुनील को चोटें आई थीं। दोनों भाईयों पर अनुसूचित जाति उत्पीड़न एक्ट के तहत कार्रवाई हुई थी। सुनील को मुआवजा भी मिला था। दोनों भाई सुनील पर सुलह का दबाव बना रहे थे लेकिन वह राजी नहीं हुआ था।