पुरवा क्षेत्र में विवाहिता की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय फास्ट ट्रैक कोर्ट संख्या प्रथम ने मृतका के आरोपित जेठ को हत्या का दोषी करार दिया।
न्यायालय ने अभियोजन की दलीलों को सुनने के बाद अभियुक्त को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। साथ ही दिवंगत महिला के पिता को अर्थदंड की धनराशि से 50 प्रतिशत भाग दिए जाने के आदेश दिए हैं।
यह है पूरा मामला
गांव रतावर निवासी हरिशंकर 20 जुलाई 2015 को कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उनकी बेटी बिटोल का विवाह क्षेत्र के गांव केसरी खेड़ा झकवासा निवासी अमित मिश्रा के करीब 10 वर्ष पहले किया था
20 जुलाई 2015 को बेटी बिटोल की ससुराल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मृतक के पिता के अनुसार बेटी की हत्या उसकी ससुराल की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद के कारण ससुर जमुना शंकर, सास शांतिदेवी, जेठ अजय उर्फ काबिल, जेठानी व जेठ के बेटे सचिन ने दोपहर घर में गला दबाकर हत्या कर दी।
तहरीर के अनुसार घटना के समय बेटी से मिलने के लिए रिश्तेदार मोनू और कांथा निवासी राजू दीक्षित गये थे, उन्होंने घटना को देखा भी। पूर्व में भी आरोपियों ने बेटी के साथ मारपीट की थी। जिसकी रिपोर्ट भी कोतवाली में दर्ज कराई गई थी।मुकदमे की विवेचक तत्कालीन निरीक्षक आशुतोष त्रिपाठी ने सास जमुना देवी और जेठ अजय उर्फ काबिल के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में शुरू हुई। जहां सुनवाई के दौरान आरोपी सास शांति देवी की मौत हो गई।मुकदमे की सुनवाई के दौरान सोमवार को अपर जिला जज स्वतंत्र प्रकाश ने सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता क्रिमिनल यशवंत सिंह की दलीलों को सुनने और साक्ष्य परखने के बाद न्यायालय ने आरोपित जेठ अजय उर्फ काबिल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।