उन्नाव। ग्राम पंचायतों में भुगतान में अंधेरगर्दी सामने आ रही है। ताजा मामला खानपुर व पीखी ग्राम पंचायतों से जुड़ा है। जहां 10.70 लाख के घालमेल का मामला पकड़ में आया है। एक ग्राम प्रधान के अधिकार सीज करके तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी गई है। जबकि दूसरी ग्राम पंचायत के प्रधान को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। 15 दिन में जवाब न देने पर अधिकार सीज करने की चेतावनी दी गई है। दोषी पाए गए तत्कालीन सचिव व वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को दिए हैं।
हिलौली विकासखंड की ग्राम पंचायत खानपुर निवासी मनोज कुमार बाजपेयी के डीएम को शपथपत्र देकर शिकायत की थी। इसी के आधार पर डीआरडीए परियोजना निदेशक व आरईडी असोहा के अवर अभियंता ने गांव में जांच की थी। जांच के दौरान पंचायत भवन का स्थलीय सत्यापन किया गया। इसमें पता चला था कि सामग्री व मजदूरी मिलाकर 14,65,269 रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए था लेकिन 15,73,127 रुपये का भुगतान कर दिया गया। जांच में सामने आया कि 5.71 लाख रुपये से सामुदायिक शौचालय तो बना दिए लेकिन सचिव जांच टीम को बिल, बाउचर नहीं दे सके।
प्राथमिक विद्यालय विशंभरखेड़ा में दीवार निर्माण की लंबाई माप पुस्तिका में 120 मीटर दर्शाई गई थी। जबकि स्थलीय सत्यापन में वास्तविक लंबाई 105.50 मीटर ही मिली। इस कार्य में भुगतान 3,28,626 रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए था। जबकि 3,71,752 रुपये का भुगतान किया गया। इन्हीं खामियों पर डीएम ने पूर्व में प्रधान रविशंकर को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। संतोषजनक जवाब न देने पर प्रधान के अधिकार सीज करके तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। टीम में वार्ड एक की सदस्य गीता देवी, वार्ड दो की दुर्गावती और वार्ड 11 की रघुराई को शामिल करके ग्राम पंचायत के विकास कार्यों के संचालन को अधिकृत किया गया है।
प्रधान व मेट मिलकर हजम कर गए मजदूरी व मिट्टी का 9.19 लाख का भुगतान
उन्नाव। सफीपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत पीखी में प्रधान व मेट ने मिलकर मजदूरी व मिट्टी का 9.19 लाख का भुगतान अपने खातों में ले लिया। गांव के मेराज की ओर से दिए गए शिकायतीपत्र के आधार पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व आरईडी फतेहपुर चौरासी के अवर अभियंता ने जांच की थी।
जांच में पता चला कि पंचायत भवन निर्माण में मिट्टी भरान व मजदूरी का भुगतान 9,19,082 रुपये बना था। अभिलेखीय जांच में ग्राम स्वराज्य पोर्टल से मिले आंकड़ों की जांच में जानकारी हुई कि इस धनराशि में 7,60,024 रुपये प्रधान हबीबुद्दीन ने और 1,59,058 रुपये मेट (कार्यों की निगरानी करने वाले) वसीक अहमद ने अपने खाते में ले लिए। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम गौरांग राठी ने प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन में जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर अधिकार सीज करने की चेतावनी दी है। दोषी पाए गए तत्कालीन सचिव गंगाबक्स भारती व वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी उत्तम अवस्थी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जिला विकास अधिकारी को दिए हैं। (संवाद)