मिल्कीपुर उपचुनाव: सपा के बाद अब भाजपा में भी अंदरूनी कलह के संकेत, दिन प्रतिदिन बदल रहे समीकरण

प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही के बुलावे पर भी नामांकन में पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा व रामू प्रियदर्शी नहीं आए। वहीं, जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी ने भी दूरी बनाई।

Internal conflict in BJP before bypoll on Milkipur seat.

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अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में सपा के बाद अब भाजपा में भी अंदरूनी कलह सतह पर आती दिख रही है। सपा में टिकट के दावेदार रहे सूरज चौधरी आजाद समाज पार्टी से टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। वहीं, भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के नामांकन से पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा व रामू प्रियदर्शी और पार्टी के जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी के दूरी बनाए जाने से अंदरूनी कलह के संकेत मिल रहे हैं। दोनों दलों की आंतरिक उठापटक से मिल्कीपुर के चुनावी समीकरण दिन प्रतिदिन बदलते नजर आ रहे हैं।

भाजपा में टिकट के दावेदारों की लंबी लिस्ट थी। लिहाजा यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि टिकट की घोषणा के बाद कुछ दावेदारों के सुर बदल सकते हैं। 2017 में भाजपा से विधायक चुने गए गोरखनाथ बाबा 2022 में चुनाव हार गए थे लेकिन जब उप चुनाव का मौका आया तो क्षेत्र में सक्रिय थे। उप चुनाव में टिकट कटने के बाद अब उनका राजनीतिक भविष्य खतरे में है। बृहस्पतिवार को भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मिल्कीपुर में आयोजित जनसभा से लेकर नामांकन तक उनकी अनुपस्थिति ने अंदरूनी कलह के संकेत दे दिए। जबकि बुधवार शाम पूर्व विधायक को नामांकन में पहुंचने का बुलावा लेकर प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही स्वयं उनके घर पहुंचे थे।

प्रभारी मंत्री के बुलावे के बावजूद पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी भी नामांकन सभा में नहीं पहुंचे। टिकट के दावेदार भाजपा के जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी सहित कई अन्य दावेदारों की भी नामांकन में नामौजूदगी से भाजपा में उठापटक सतह पर आती दिख रही है। वहीं, टिकट की घोषणा के बाद जिले के तीनों विधायकों वेद प्रकाश गुप्त, रामचंद्र यादव व डॉ. अमित सिंह चौहान की ओर से सोशल मीडिया पर चंद्रभानु को बधाई न देने और प्रत्याशी के नामांकन के पोस्टर से जिले के तीनों विधायकों सहित कई दिग्गजों के फोटो गायब होने से भाजपा में भी खेमेबंदी की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की बैठक के बाद सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजीत प्रसाद के नामांकन में सपाई दिग्गजों की एकजुटता तो देखने को मिली लेकिन टिकट के दावेदार रहे सूरज चौधरी बगावती सुर अख्तियार कर आजाद समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए। हालांकि जानकारों का कहना है कि मंच और सार्वजनिक कार्यक्रमों में एकजुटता दिखाने वाले मिल्कीपुर के दिग्गज सपाईयों के अंदरखाने सुर कुछ अलग ही है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार सपा और भाजपा में ही मुख्य मुकाबला है। ऐसे में देखना है आंतरिक कलह से जूझ रहे दोनों दलों में कौन बाजी मारता है।

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