
उन्नाव। जिला अस्पताल में भर्ती मरीज के तीमारदारों की शिकायत पर सदर विधायक ने डॉक्टर से बेहतर इलाज के लिए पैरवी की। विधायक का फोन कटने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर ने मरीज को रेफर कर दिया। जानकारी हुई तो विधायक अस्पताल पहुंच गए और नाराजगी जताई। विधायक की शिकायत पर सीएमएस ने जांच कमेटी गठित की है। उधर, परिजन रात करीब 12 बजे मरीज को कानपुर के एक नर्सिंग होम लेकर पहुंचे, जहां दो घंटे के इलाज के बाद तबीयत ठीक हो गई और परिजन मरीज को घर लेकर आ गए।
शहर के कब्बाखेड़ा निवासी विनय त्रिवेदी की बेटी मानसी (21) को गुरुवार दोपहर 12 बजे सांस लेने में दिक्कत और उलझन होने लगी। हालत बिगड़ती देख परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया। काफी देर बाद भी राहत न मिलने पर मरीज के परिजनों ने स्टाफ नर्स को बताया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर युवती के पिता ने सदर विधायक पंकज गुप्ता को फोन कर मदद मांगी। विधायक ने उन्हीं के फोन से ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर से बेहतर इलाज के लिए बात की और मरीज के बारे में जानकारी ली। इस पर डॉक्टर ने तबीयत ठीक बताई। लेकिन फोन कटने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर ने मानसी को कानपुर हैलट रेफर करते हुए कागजी प्रक्रिया पूरी कर दी।
परिजनों का आरोप है कि उन्होंने विरोध किया तो डॉक्टर ने यह कहकर डपट दिया कि जिन्हें वोट दिया है उन्हें ही बुला लो। इसकी जानकारी हुई तो गुरुवार शाम करीब चार बजे विधायक जिला अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने इस बात पर एतराज जताया कि जो मरीज पहले ठीक थी उसे उनके फोन करने के बाद ही रेफर क्यों कर दिया गया। विधायक ने मरीज को रेफर कराया और चेतावनी दी कि वह हैलट से मरीज की रिपोर्ट मंगवाएंगे। अगर उसकी स्थिति रेफर करने लायक न होने की पुष्टि हुई तो शासन तक शिकायत करेंगे। विधायक ने सीएमएस डॉ. आरए मिर्जा से जांच कराने की मांग की तो उन्होंने तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी।
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नर्सिंगहोम में दो घंटे इलाज, ठीक हो घर पहुंची मानसी
मानसी के पिता विनय ने बताया कि जिला अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद वह मानसी को लेकर 9:30 बजे हैलट पहुंचे। वहां डॉक्टर ने देखा और कई जांचे लिखीं। जांच में लगातार देरी होने और वहां भी सुनवाई न होने पर रात 12 बजे हैलट के पास ही स्थित एक नर्सिंगहोम में भर्ती कराया। विनय के मुताबिक, नर्सिंगहोम में डॉक्टरों ने दवाएं और इंजेक्शन दिए। करीब दो घंटे बाद ही बेटी की हालत बिल्कुल ठीक हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि ठंड होने की वजह से सांस लेने में दिक्कत हुई थी, घबराने वाली कोई बात नहीं थी। इसके बाद मरीज की छुट्टी कर दी और शुक्रवार तड़के तीन बजे बेटी को लेकर घर आ गए, वह अब बिल्कुल ठीक है।
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विधायक ने जिला अस्पताल की अव्यवस्था पर जताई नराजगी
विधायक पंकज गुप्ता ने जिला अस्पताल में अव्यवस्था और मरीजों और तीमारदारों के साथ दुर्व्यवहार पर नाराजगी जाताई। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में बेडों पर चादर न होने पर नाराजगी जताई। स्टॉफ नर्स से पूछा तो उन्होंने वार्ड बॉय की जिम्मेदारी होने की बात कही। विधायक ने चेतावनी दी कि कमियां सुधार लें, वह बीच-बीच में जिला अस्पताल का निरीक्षण करते रहेंगे और कमियां मिलने पर कार्रवाई कराएंगे।
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क्या बोले जिम्मेदार
मरीज का रेफर लेटर निरस्त कर समुचित इलाज के लिए निर्देश दिए थे। हालांकि कुछ देर बाद परिजन मरीज को लेकर चले गए थे। इसके अलावा विधायक की शिकायत पर तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित डॉक्टर और स्टॉफ नर्स पर कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. आरए मिर्जा, सीएमएस