हाथरस हादसे की आरोपिका मंजू यादव व मंजू देवी के जमानत प्रार्थना पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में दाखिल हुए। न्यायालय ने जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई करते हुए अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए।
हाथरस के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जय हिंद कुमार सिंह के न्यायालय ने सिकंदराराऊ के फुलरई-मुगलगढी मामले में दो आरोपी महिलाओं की जमानत खारिज कर दी।
न्यायालय ने कहा कि अभियुक्ता पर अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर साकार विश्वहरि भोलेबाबा के सत्संग आयोजन में अनुमति से अधिक भीड़ एकत्रित करने तथा उसमें अधिक भीड़ के कारण भगदड़ मचने से पुरुष, महिला व बच्चों की मृत्यु हो जाने का आरोप है। अपराध की गम्भीरता को देखते हुए जमानत के लिए आधार पर्याप्त नहीं है, इसलिए जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई-मुगलगढ़ी में साकार विश्व हरि भोले बाबा का 2 जुलाई को सत्संग का कार्यक्रम आयोजित हुआ था। इस कार्यक्रम में चरण रज लेने के लिए भगदड़ हो गई। इसमें 121 लोगों की मौत हो गई। यह मामला पूरे प्रदेश व देश भर में खूब छाया रहा। इस कांड से देश भर की सियासत गरमा गई थी। हाथरस में कई दिनों तक सत्ता पक्ष व विपक्ष के नेताओं का दौरा जारी रहा था।
सहायक अभियोजन अधिकारी आशीष जायसवाल ने बताया कि इस प्रकरण की आरोपिका मंजू यादव व मंजू देवी के जमानत प्रार्थना पत्र मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में दाखिल हुए। न्यायालय ने जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई करते हुए अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए।