औद्योगिक क्षेत्र के चौधरी ओवरसीज लिमिटेड में उप प्रबंधक के पद पर कार्यरत अभिषेक मिश्रा, निवासी 121 बौद्धनगर, नौबस्ता, कानपुर ने पुलिस को एक शिकायती पत्र दिया। इसमें उन्होंने बताया कि यूनिट में घुड़सवार के चैप्स के निर्माण के उत्पादन प्रबंधक हसीन द्वारा हेराफेरी किए जाने की आशंका जताई। इसके बाद, उन्होंने यूनिट के निदेशक फैजान उस्मानी को इसकी जानकारी दी। मामले की जांच करने पर यह सामने आया कि हसीन ने फर्जी ठेकेदार तैयार करके 48.50 लाख रुपये का घोटाला किया है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यूनिट के निदेशक ने जब इस मामले की जांच कराई तो पता चला कि उत्पादन प्रबंधक हसीन ने यूनिट के निदेशक से चैप्स के निर्माण के लिए 46 रुपये प्रति जोड़ा भुगतान कराया। हसीन ने 21 लोगों को कांट्रैक्ट दिया था। जांच में यह भी पाया गया कि हसीन ने मनीष, निवासी जमुका को फर्जी ठेकेदार की सूची में शामिल किया और बिना किसी काम के उसके नाम से भुगतान कराया।
अभिषेक ने तहरीर में बताया कि हसीन, रामराई की सरांय शिवास टेनरी जाजमऊ कानपुर नगर, रामशंकर, निवासी ग्राम मैदपुर, थाना असोहा, आशीष कुमार सिंह, निवासी शिवनगर दही और सौरभकिशोर अवस्थी, निवासी आवास विकास कालोनी दही ने आपसी सांठगांठ करके मनीष के नाम पर फर्जी ठेकेदार दर्शाया और मनीष के खाते में 2019 से लगातार फर्जी भुगतान लेखा विभाग से कराया। इस फर्जी कार्य का सत्यापन रामशंकर द्वारा किया जाता रहा। इन सभी चार लोगों ने मिलकर 2018 से 2019 तक फर्जी भुगतान और हेराफेरी की।
एसओ दही हांजीव कुशवार ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।