न्नाव। आदि गुरु वैदिक सेवा संस्थान व गोकुल बाबा मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में गोकुल बाबा मंदिर परिसर में शुरू हुई शिव महापुराण के पहले दिन प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की कथा सुनाई गई।
कथा वाचक शैवाचार्य प्रशांत प्रभुदास ने बताया कि गुजरात के ऐसे भाग में जहां जल का अभाव और विपन्नता व्याप्त थी। इस क्षेत्र की समृद्धि के लिए चंद्रदेव ने तपस्या की। इससे भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उन्होंने दर्शन दिए व अभावों वाले इस क्षेत्र में अपना त्रिशूल जमा दिया। धीरे-धीरे उसी स्थान पर एक बड़ा कुंड बन गया। यहीं पर प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की स्थापना हुई। शास्त्रों के अनुसार, इस कुंड में स्नान करने और भगवान सोमनाथ के दर्शन करने से रोग, दोष से मुक्ति मिलती है। देवी प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साहू, संतोष साहू, संजय राठी, निम्मी अरोड़ा, धीरज सिंह, विक्रम सिंह, नीलम त्रिपाठी, निशीथ निगम, राधा निगम, डॉ सुषमा सिंह, लीलावती, संतोष तिवारी, राजेश त्रिपाठी, श्रीकांत शुक्ला आदि ने कथा श्रवण की।
न्नाव। आदि गुरु वैदिक सेवा संस्थान व गोकुल बाबा मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में गोकुल बाबा मंदिर परिसर में शुरू हुई शिव महापुराण के पहले दिन प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की कथा सुनाई गई।
कथा वाचक शैवाचार्य प्रशांत प्रभुदास ने बताया कि गुजरात के ऐसे भाग में जहां जल का अभाव और विपन्नता व्याप्त थी। इस क्षेत्र की समृद्धि के लिए चंद्रदेव ने तपस्या की। इससे भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उन्होंने दर्शन दिए व अभावों वाले इस क्षेत्र में अपना त्रिशूल जमा दिया। धीरे-धीरे उसी स्थान पर एक बड़ा कुंड बन गया। यहीं पर प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की स्थापना हुई। शास्त्रों के अनुसार, इस कुंड में स्नान करने और भगवान सोमनाथ के दर्शन करने से रोग, दोष से मुक्ति मिलती है। देवी प्रसाद साहू, हरि प्रसाद साहू, संतोष साहू, संजय राठी, निम्मी अरोड़ा, धीरज सिंह, विक्रम सिंह, नीलम त्रिपाठी, निशीथ निगम, राधा निगम, डॉ सुषमा सिंह, लीलावती, संतोष तिवारी, राजेश त्रिपाठी, श्रीकांत शुक्ला आदि ने कथा श्रवण की।