उन्नाव। बीते 48 दिनों में डिप्थीरिया से 10 की मौत हो चुकी है और 135 संक्रमित हुए हैं। ऐसे हालात में भी जिला अस्पताल में खोले गए डिप्थीरिया के विशेष वार्ड में प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। वार्ड में पांच वेंटिलेटर, चार बाइपेप मशीन, आठ इंफ्यूजन पंप तो लगे हैं, लेकिन इनके संचालन के लिए प्रशिक्षित स्टाफ न होने से यह व्यवस्था दिखावा साबित हो रही है।
डिप्थीरिया की चपेट में आए मरीजों का इलाज करने के लिए जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में डिप्थीरिया वार्ड बनाया गया। यहां पर गंभीर मरीजों के लिए पांच वेंटिलेटर, चार बाइपेप मशीन, आठ इंफ्यूजन पंप भी लगे हैं, लेकिन इन उपकरणों के संचालन के लिए प्रशिक्षित स्टाफ नहीं है। इससे यह मशीनें सिर्फ दिखावा साबित हो रही हैं।
डिप्थीरिया संक्रमित बच्चों को सांस फूलने या गले में अधिक दिक्कत होने पर उन्हें कानपुर हैलट या लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ता है। अभी तक तीन बच्चों को हैलेट और चार बच्चों को लखनऊ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ जिले में डिप्थीरिया (गला घोंटू) का दायरा बढ़ता जा रहा है। बीते 48 दिन में (एक अगस्त से 17 सितंबर तक) जिले में 10 बच्चों की डिप्थीरिया से मौत हो चुकी है। एक 20 साल की युवती और 134 बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। आठ का जिला अस्पताल के डिप्थीरिया वार्ड में इलाज चल रहा है।
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चार हजार बच्चे छूट गए थे डिप्थीरिया टीकाकरण से
जिले में डिप्थीरिया संक्रमण के फैलाव में टीकाकरण में हुई लापरवाही बड़ी वजह मानी जा रही है। अप्रैल से अगस्त तक के टीकाकरण के लक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग पीछे रह गया। यानी चार हजार बच्चों को डिप्थीरिया से बचाव का टीका नहीं लग पाया। संक्रमण फैलना शुरू हुआ तब स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली। एक माह से बच्चों पर संक्रमण का हमला जारी है और रोजाना औसतन चार बच्चे चपेट में आ रहे हैं।
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बोले जिम्मेदार
टीकाकरण में लापरवाही मिलने पर तीन एएनएम पर कार्रवाई की गई है। इनमें एक को निलंबित कर दिया गया था, जबकि दो का वेतन रोका गया है। सभी को टीकाकरण का लक्ष्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। जहां भी संक्रमित मरीज मिल रहे हैं वहां टीमें लगाकर विशेष टीकाकरण और उपचार किया जा रहा है। जो गंभीर होते हैं उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। प्रशिक्षित स्टॉफ के लिए मुख्यालय से मांग की गई है। जल्द ही तैनाती का आश्वासन मिला है।
– डॉ. सत्यप्रकाश, सीएमओ