आगरा पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट गिरोह के जिस मास्टर माइंड और अन्य तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनसे पूछताछ में कई राज खुलकर सामने आए हैं। सोहेल ने बीटेक करने के बाद साॅफ्टवेयर कंपनी में नौकरी की, लेकिन कुछ समय बाद अमीर बनने के लिए उसने साइबर अपराध का रास्ता चुन लिया..
आगरा पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट गिरोह के जिस मास्टर माइंड और अन्य तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, उनसे पूछताछ में कई राज खुलकर सामने आए हैं। सोहेल ने बीटेक करने के बाद साॅफ्टवेयर कंपनी में नौकरी की, लेकिन कुछ समय बाद अमीर बनने के लिए उसने साइबर अपराध का रास्ता चुन लिया…
आगरा में डिजिटल अरेस्ट गिरोह के मास्टरमाइंड सुहेल ने गुरुग्राम और दिल्ली में कई कंपनी खोल रखी थीं। बेरोजगार युवकों को नाैकरी देने के बाद उनसे साइबर ठगी कराता था। साइबर क्राइम थाना पुलिस की गिरफ्त में आए गिरोह से यह जानकारी हाथ लगी है। आगरा के रेलवे के सेवानिवृत्त मुख्य टिकट अधीक्षक नईम मिर्जा सहित 10 लोगों से 13 अगस्त को डिजिटल अरेस्ट कर 2.70 करोड़ रुपये की ठगी की थी। यह रकम महाराष्ट्र के जिला गोंदिया के महेश शिंदे नामक व्यक्ति के खाते में भेजे थे। पुलिस अब खाते फ्रीज कराने की कवायद में लगी है।
सेवानिवृत्त मुख्य टिकट अधीक्षक नईम मिर्जा से 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया था। इनमें दिल्ली निवासी मोहम्मद राजा रफीक, बागपत के दो भाई मोहम्मद दानिश व उसका भाई कादिर और असम के करीमगंज निवासी मोहम्मद सोहेल अकरम शामिल थे। सोहेल गिरोह का मास्टरमाइंड है। वह बीटेक कर चुका है।
सोहेल कोलकाता में एक साॅफ्टवेयर कंपनी में नाैकरी करता था। 3 साल पहले नाैकरी छोड़कर दिल्ली आ गया। उसने दिल्ली में अपनी कंपनी खोली। इसमें कई लोगों को नाैकरी पर रखा। इस दाैरान ऑनलाइन बेटिंग एप से लोगों को ठगने लगा। दो साल पहले मुलाकात साकेत, दिल्ली निवासी विवेक से हुई। वह बीएससी है। वह बेटिंग एप में पैसा लगाता था। इसलिए दोनों ने साथ में कंपनी का काम करना शुरू कर दिया।
सोहेल की विवेक ने भीलवाड़ा, राजस्थान के रफीक राजा से मुलाकात कराई। इसके बाद 6-7 लोगों ने अपना गैंग बना लिया। दिल्ली में ठगी होने पर मई 2024 में उन्हें कमला मार्केट थाने से दिल्ली पुलिस ने जेल भेज दिया। जुलाई में राजा रफीक और उसके मित्र बड़ाैत, बागपत के मोहम्मद दानिश से उसकी जमानत करा दी। बाद में विवेक ने भी अपने साथियों की मदद से जमानत करा ली।
फ्लाइट से कमीशन लेने आता था शिंदे
पुलिस के मुताबिक, जेल से बाहर आने के बाद आरोपी डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठगने लगे। रफीक राजा ने अपने इंस्टाग्राम मित्र महेश शिंदे से सोहेल की बात कराई। वह गोंदिया, महाराष्ट्र का है। वह अपने खातों में रकम डलवाने के लिए राजी हो गया। इसके लिए 10 प्रतिशत रकम लेना तय हुआ। उसने कूरियर से 3 सिम भी सोहेल को भेजे। ठगी की जो रकम आती, वह महेश शिंदे के खाते में जमा कराते थे। यह महेश, उसकी पत्नी ज्योत्सना और भाई संजय के नाम पर थीं। जुलाई में महेश ने अपने नाम से खाते खोले। 13 अगस्त को गिरोह ने एक साथ 10 लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने के बाद 2.70 करोड़ रुपये ठगे। महेश शिंदे के खाते में रकम भेजी गई। इस रकम को दिल्ली एनसीआर के 3 खातों में ट्रांसफर किया गया। महेश कमीशन लेने के लिए दिल्ली फ्लाइट से आता था। महंगे होटल में रुकता था |
गिरोह में और भी लोग
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि गिरोह में और भी लोग शामिल हैं। इनकी तलाश में टीम लगी है। आरोपियों के खातों को फ्रीज कराया जा रहा है, जिससे पीड़ित लोगों की रकम को वापस दिलाया जा सके।