उन्नाव। डीएपी लेने के लिए किसानों को न सिर्फ धक्का-मुक्की के बीच घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है बल्किजेब भी ढीली करनी पड़ रही है। 1350 रुपये की एक बोरी डीएपी के साथ किसानों को 225 रुपये की नैनो यूरिया और 300 रुपये की पोटाश थमाई जा रही है। अगर डीएपी की दो बोरियां लेनी है तो 600 रुपये की नैनो डीएपी दी जा रही है।
कहने को तो किसानों को राहत देने के लिए इफको की ओर से 2667 मीट्रिक टन (एमटी) डीएपी भेजी गई है लेकिन इसे पाने के लिए किसानों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। समितियों में डीएपी पहुंचने की सूचना पर शुक्रवार को किसानों की भीड़ केंद्रों पर उमड़ी। अधिकांश केंद्रों पर खाद के लिए किसानों को लाइन में लगना पड़ा। कुछ सेंटरों में पहले खाद पाने के लिए लाइनों में लगे किसानों में धक्कामुक्की भी हुई। घंटों लाइन में लगने के बाद जब नंबर आया तो किसानों को मात्र एक या दो बोरी ही डीएपी दी गई। यही नहीं किसानों को डीएपी के साथ नैनो यूरिया, डीएपी व पोटाश थमाई गई। एक बोरी डीएपी की कीमत 1350 रुपये है पर इसके साथ अलग से नैनो यूरिया के 225 रुपये व पोटाश के 300 रुपये लिए गए। यानि जरूरत न होने के बाद भी 525 रुपये नैनो यूरिया और पोटाश के लिए खर्च करने पड़े। वहीं, जिन किसानों को दो बोरी डीएपी दी गई, उनसे दानेदार डीएपी के 2700 रुपये के साथ नैनो डीएपी के 600 रुपये अलग से लिए गए। इससे किसानों को दोहरी मार से जूझना पड़ा।
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सहकारी संघ बांगरमऊ में डीएपी के लिए रजिस्ट्रेशन किया गया। किसानों की लंबी लाइन लगी रही। भीड़ अधिक होने के कारण प्रत्येक किसान को एक बोरी ही दी गई। साथ में किसी को नैनो यूरिया या पोटाश दी गई। स्पष्ट कह दिया गया कि अतिरिक्त उत्पाद न लेने पर डीएपी नहीं मिलेगी।—-
परियर के सुब्बाखेड़ा साधन सहकारी समिति में भी खाद के लिए किसानों को लाइन लगानी पड़ी। यहां भी किसानों को एक बोरी डीएपी के साथ नैनो यूरिया दी गई। तीन बोरी के साथ नैनो डीएपी थमाई गई। जिन्होंने इन्कार किया, उन्हें घंटों लाइन में लगने के बाद भी मायूसी हाथ लगी।—-
फतेहपुर चौरासी गढ़ी, राजेपुर व सैंता समिति में डीएपी का वितरण हुआ। गढ़ी समिति में भी 1350 रुपये की डीएपी बोरी के साथ नैनो यूरिया 225 रुपये व 600 रुपये कीमत की नैनो डीएपी दी गई। सचिव शिवपाल सिंह ने दावा किया कि जिन्होंने मांग की उन्हें ही अन्य उत्पाद दिए गए।
हसनगंज की मोहनीखेड़ा नई सराय समिति में किसान राकेश, योगेंद्र सिंह, श्रीराम व शंकर ने बताया कि सुबह से डीएपी के लिए लाइन में लगे थे। जब नंबर आया तो सचिव परमेश्वर वर्मा ने खतौनी लेकर आने की बात कहकर वापस कर दिया। खतौनी लेकर दोबारा गए तब खाद मिली। एनपीके बोरी के साथ नैनो की बोतल थमा दी। वहीं, नबी नगर खेरवा सोसायटी केंद्र का ताला फिर नहीं खुला।—-
किसानों की सुनिए
10 बोरी की जरूरत मिली सिर्फ दो
गांव कठिघरा के किसान गयाप्रसाद ने बताया कि उन्हें 12 बीघे में गेहूं की बुआई करनी है। 10 बोरी डीएपी की जरूरत है। समिति में काफी मशक्कत के बाद मात्र दो बोरी ही खाद मिल रही है। साथ में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी व पोटाश भी दे रहे हैं।——————
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गांव लंबुई के किसान अवधेश ने बताया कि 10 बीघे में गेहूं की बुआई करनी है। आठ बोरी डीएपी की जरूरत है। समिति से अधिकतम दो बोरी ही खाद मिल रही है। खाद के अभाव में गेहूं की बुआई को लेकर चिंतित हैं। उन लोगों की कोई सुनने वाला नहीं है।—-
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कोट———-
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डीएपी के साथ अतिरिक्त उत्पाद खरीदना जरूरी नहीं है। समितियों के सचिवों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि किसी को भी बिना मांगे नैनो यूरिया, डीएपी या पोटाश न दें। अगर कहीं पर किसानों को उनकी इच्छा के बिना दिया जा रहा है तो इसकी जांच कराएंगे और दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।